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उत्तराखंड में समान नागरिक संहिता के मुद्दे पर सदन में होगी चर्चा

आंदोलनकारी आरक्षण पर सदन में पेश की जाएगी प्रवर समिति की रिपोर्ट पेश

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  • प्रश्नकाल व शून्यकाल नहीं होंगे, समान नागरिक संहिता पर होगी चर्चा
  • आंदोलनकारी आरक्षण पर सदन में पेश की जाएगी प्रवर समिति की रिपोर्ट

 

 

उत्तराखंड में समान नागरिक संहिता लागू करने की दिशा में धामी सरकार अब सबसे महत्वपूर्ण पड़ाव पर पहुंच गई है। विधानसभा सत्र में मंगलवार को सरकार की ओर से समान नागरिक संहिता से संबंधित विधेयक सदन में प्रस्तुत किया जाएगा।

इस बीच सोमवार को हुई विधानसभा की कार्यमंत्रणा समिति की बैठक में देश और राज्य के लिए महत्वपूर्ण इस विधेयक को देखते हुए मंगलवार को प्रश्नकाल व शून्यकाल स्थगित रखने का निर्णय लिया गया। सदन की कार्यवाही शुरू होते ही विधेयक पेश होगा और फिर इस पर चर्चा भी शुरू हो जाएगी।

इसके साथ ही राज्य आंदोलनकारियों को सरकारी सेवाओं में 10 प्रतिशत क्षैतिज आरक्षण दिए जाने के संबंध में भी प्रवर समिति की रिपोर्ट सदन में पेश की जाएगी।

वहीं नेता प्रतिपक्ष यशपाल आर्य और वरिष्ठ कांग्रेस विधायक प्रीतम सिंह ने सत्र में प्रश्नकाल व शून्यकाल स्थगित रखने के विरोध में कार्यमंत्रणा समिति से इस्तीफा देने की घोषणा की है। यही नहीं, कांग्रेस ने देर शाम को इस विषय पर राजभवन में राज्यपाल लेफ्टिनेंट जनरल गुरमीत सिंह (सेनि) से भी मुलाकात की।

 

 

प्रदेश में समान नागरिक संहिता लागू करना धामी सरकार की प्राथमिकता में शामिल है। समान नागरिक संहिता लागू करने के लिए मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी ने 27 मई 2022 को जस्टिस रंजना प्रकाश देसाई (सेनि) की अध्यक्षता में पांच सदस्यीय विशेषज्ञ समिति गठित की।

समिति ने 20 माह के कार्यकाल में विभिन्न धर्मों, समूहों, आमजन व राजनीतिक दलों से संवाद कर संहिता का ड्राफ्ट तैयार है। चार खंडों व 740 पेज का यह ड्राफ्ट समिति ने दो फरवरी को मुख्यमंत्री को सौंपा। चार फरवरी को हुई कैबिनेट की बैठक में ड्राफ्ट और इससे संबंधित विधेयक पर मुहर लगाई गई।

इस बीच विधानसभा सत्र में सोमवार को सदन की कार्यवाही स्थगित होने के बाद हुई कार्यमंत्रणा समिति की बैठक में मंगलवार के एजेंडे पर विमर्श हुआ। बैठक में सरकार की ओर से मंगलवार को समान नागरिक संहिता विधेयक पेश किए जाने की जानकारी दी गई।

 

 

कहा गया कि महत्वपूर्ण विधेयक होने के दृष्टिगत मंगलवार को प्रश्नकाल व शून्यकाल स्थगित रखा जाना चाहिए। कार्यमंत्रणा समिति में शामिल नेता प्रतिपक्ष यशपाल आर्य व विधायक प्रीतम सिंह ने इसका विरोध किया। यद्यपि, बहुमत से समिति में मंगलवार को प्रश्नकाल व शून्यकाल स्थगित करने का निर्णय ले किया गया।

नेता प्रतिपक्ष यशपाल आर्य ने आरोप लगाया कि सरकार सदन की परंपराओं से खिलवाड़ कर रही है। दोनों विधायकों ने बहुमत से प्रश्नकाल व शून्यकाल न लाने का विषय पारित होने पर कार्यमंत्रणा से इस्तीफा देेने की घोषणा की।

विधानसभा अध्यक्ष ऋतु खंडूड़ी भूषण ने कहा कि कार्यमंत्रणा समिति की बैठक में समान नागरिक संहिता विधेयक और आंदोलनकारियों के आरक्षण के दृष्टिगत प्रवर समिति की रिपोर्ट सदन में प्रस्तुत करने का निर्णय लिया गया। उन्होंने कहा कि समान नागरिक संहिता केवल उत्तराखंड के लिए नहीं बल्कि देश के लिए महत्वपूर्ण निर्णय है। ऐसे में समान नागरिक संहिता पर विस्तृत चर्चा करने का निर्णय लिया गया है। उन्होंने कहा कि कांग्रेस के दोनों नेता बैठक से चले गए थे, लेकिन उन्हें किसी का इस्तीफा नहीं मिला है।


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