ल्वारा वार्ड में हुक्म सिंह फर्स्वाण बनकर उभरे जनता की पहली पसंद, दिखा दमदार जनसमर्थन

जिला पंचायत के लिए ल्वारा वार्ड पर कश्मकश – हुक्म सिंह फर्स्वाण को मिले एक मौका ।
हरीश चन्द्र
आपको बता दे कि केदारनाथ विधानसभा के अंतर्गत ल्वारा वार्ड से नामंकन के आज अंतिम दिन सभी संभावित प्रत्याशियों ने अपना नामंकन पत्र दाखिल कर दिया है। जिला पंचायत की यह सीट अपने आप मे काफी महत्व रखती है , ल्वारा वार्ड से इस समय चुनाव के समीकरण पूरे बदले हुए है । जनता के मिजाज के हिसाब से इस सीट के सबसे मजबूत दावेदार के रूप में हुक्म सिंह फर्स्वाण पूर्व प्रधान ल्वारा सामने आए है। हुक्म सिंह फर्स्वाण के अलावा भाजपा के अधिकृत प्रत्याशी सुमन्त तिवारी , भाजपा के बहुत ही पुराने कार्यकर्ता श्री सुबोध बगवाड़ी ने अपनी दावेदारी प्रस्तुत की है।
यह बात सत्य है कि अन्य उम्मीदवारों की तुलना में हुक्म सिंह फर्स्वाण के पास राजनीतिक अनुभव कम है , लेकिन लोगो की माने तो उनके भीतर नेतृत्व का जोश है और बोलने का अंदाज़ साफ, सीधा और असरदार। शालीन व्यवहार व प्रधान रहते हुए उनकी कार्यशैली उन्हें भीड़ से अलग करती है। यात्रा सीजन में गौरीकुंड में अपने क्षेत्र के लोगों के लिए वह हमेशा हर मुशीबत में खड़े दिखाई देते है। किसी बड़े राजनीतिक दायित्व में न होने के बाद भी उनके द्वारा ल्वारा क्षेत्र में पशु चिकित्सालय , सामुदायिक स्वास्थ्य केंद्र व अन्य कही मुद्दों के लिए अपने स्तर से पूरा प्रयास करते हुए , अनेको बार पत्राचार के माध्यम से सरकार को अवगत कराया है। ग्राम प्रधान ल्वारा रहते हुए उनके द्वारा उन रास्तो का भी निर्माण किया जो कहीं वर्षो से विवाद के कारण बंद पड़े हुए थे, पंचायत भवन का निर्माण व अन्य अनेक विकास कार्य उनके प्रधान कार्यकाल के दौरान हुए है।
हुक्म से फर्स्वाण के लिए ल्वारा वार्ड से अन्द्रवाडी , लमगोण्डी , ल्वाणी, देवली भणिग्राम , फाली फ़सालत, सिंगोली, तथा गुप्तकाशी क्षेत्र के अंतर्गत आने वाले गाँव , देवर , साँकरी, देवशाल, रुद्रपुर
का समर्थन है वही दूसरी तरफ ल्वारा, तुलंगा , खेड़ा, सल्या, देवागढ़ जैसी ग्रामसभाओं में उनका काफी प्रभाव है । हुक्म सिंह फर्स्वाण के पक्ष में इन जगहों से एकतरफा वोट पड़ने की संभावना को नकारा नही जा सकता है।
जैसा कि आपने देखा होगा राजनीतिक पार्टियां अपने अधिकृत व समर्थित प्रत्याशी की जीत के लिए धन बल का पूरा प्रयोग करती है, तथा चुनाव प्रचार के दौरान क्षेत्र में चुनाव प्रचार हेतु कही बड़े नेता मैदान में उतारती है । ये नेता लुभावने प्रलोभन व आश्वाशन देते नजर आएंगे , लेकिन आपने गौर किया होगा न तो दुबारा ये नेता नजर आते है और नही कभी वे आश्वाशन पूरे होते है। चुनावों में पार्टियो के इस आचरण से न तो नए चेहरों को मौका मिलता है और नही योग्य उम्मीदवार निर्वाचित होता है।
तय आपको करना है कि आपने धन बल वालो का साथ देना है या हुक्म सिंह फर्स्वाण जैसे सरल व्यक्ति जिसके साथ न कोई बड़ा नेता दिखेगा , न धन बल , उनके चुनाव प्रचार में आपको दिखेगा सिर्फ एक आम व्यक्ति।
हम सभी को इस वक्त पार्टी विचारधारा, गुटबाजी से ऊपर उठकर हुक्म का साथ देना चाहिए, हम दावे के साथ कह सकते है कि हुक्म सिंह फर्स्वाण आपके घर का व्यक्ति है , अगर आपका समर्थन हुक्म को मिलता है तो आप हुक्म पर हुक्म चलाकर कार्य करवा सकते है। ऐसा कभी नही होगा कि हुक्म फर्स्वाण आपके सुख दुःख में सम्मलित न हो।
हमे पूरा विश्वास है कि क्षेत्र में राजनीतिक परिवर्तन लाने के लिए आप हुक्म सिंह फर्स्वाण को अपना समर्थन देंगे।