देहरादून
विश्व जब 22 सितंबर को बेटी दिवस मना रहा था तब दून में रिश्ते को शर्मसार करने वाली खबर सामने आई है। दून अस्पताल के इमरजेंसी भवन के पीछे शौचालय की सीट में एक नवजात मिली। सूचना पर पहुंची पुलिस और अस्पताल के कर्मियों ने सीट को तोड़कर नवजात को बाहर निकाला, लेकिन डॉक्टरों ने उसे मृत घोषित कर दिया। पुलिस ने नवजात को मोर्चरी में रखवा दिया। नवजात को अस्पताल में कौन फेंक गया पुलिस ने इसकी जांच शुरू कर दी है।
दून अस्पताल की इमरजेंसी के पीछे नया भवन करीब दो साल पूर्व बना है। सुबह करीब सवा नौ बजे एक सफाईकर्मी शौचालय की सफाई करने के लिए पहुंचा तो महिला शौचालय में एक नवजात पड़ी हुई थी। उसने मामले की सूचना स्थानीय पुलिस को दी। सूचना पर पुलिस और इमरजेंसी ड्यूटी पर तैनात डॉ. अमित भी पहुंच गए। नवजात का सिर शौचालय की सीट में फंसा हुआ था। पुलिस ने सीट तोड़कर नवजात को निकाला। डॉक्टरों ने परीक्षण किया और उसे मृत घोषित कर दिया। पुलिस ने इस मामले में स्थानीय सफाई कर्मचारी से पूछताछ की। पुलिस ने नवजात के शव को मोर्चरी में रखवा दिया गया है।
इस शौचालय की तरफ सुबह किसी का ज्यादा आना जाना नहीं रहता है। बताया जाता है कि सुबह आठ बजे शौचालय की सफाई भी हुई थी, उस समय ऐसा कुछ नहीं मिला था। बाद में सवा नौ बजे के करीब जब सफाई कर्मचारी वहां गया तो घटना का पता चला।
पहले कयास लगाए जा रहे थे कि हो सकता है कि कोई गर्भवती महिला शौचालय में आई होगी और उसी दौरान उसको प्रसव पीड़ा शुरू हुई और वहीं प्रसव हो गया होगा। दून अस्पताल ने इससे इन्कार किया है। प्रथम दृष्टया इसके कोई सबूत वहां नहीं मिले हैं। अगर यह बात सही है तो साफ है कि नवजात को वहां पर लाया गया और कोई टॉयलेट शीट में फेंककर भाग गया।