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पहलगाम हमले के बाद पहली बार जम्मू-कश्मीर जाएंगे PM मोदी, देंगे कई परियोजनाओं की सौगात

भारत के पहले केबल-स्टेड रेलवे ब्रिज अंजी ब्रिज का भी उद्घाटन प्रधानमंत्री मोदी करेंगे।

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 PM Modi J&K Visit After Pahalgam Attack – प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी पहलगाम आतंकवादी हमले के बाद पहली बार शुक्रवार को जम्मू-कश्मीर का दौरा करेंगे, जिसमें उनके उच्च स्तरीय एजेंडे में प्रमुख बुनियादी ढांचे की शुरुआत और विकासात्मक पहल शामिल हैं। मोदी ने एक्स पर लिखा कि कल, 6 जून, जम्मू-कश्मीर के मेरे भाइयों और बहनों के लिए वाकई एक खास दिन है। 46,000 करोड़ रुपये की लागत वाली प्रमुख बुनियादी ढांचा परियोजनाओं का उद्घाटन किया जा रहा है, जिसका लोगों के जीवन पर बहुत सकारात्मक प्रभाव पड़ेगा।

नरेन्द्र मोदी ने कहा कि वास्तुकला की एक असाधारण उपलब्धि होने के अलावा, चेनाब रेल पुल जम्मू और श्रीनगर के बीच संपर्क में सुधार करेगा। अंजी ब्रिज चुनौतीपूर्ण इलाके में भारत का पहला केबल-स्टेड रेल पुल है। उधमपुर-श्रीनगर-बारामुल्ला रेल लिंक (USBRL) परियोजना सभी मौसम में संपर्क सुनिश्चित करती है और श्री माता वैष्णो देवी कटरा से श्रीनगर तक वंदे भारत ट्रेनें आध्यात्मिक पर्यटन को बढ़ावा देंगी और आजीविका के अवसर पैदा करेंगी।

 

उमर अब्दुल्ला ने एक्स पर लिखा था कि माननीय प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी जी की कल होने वाली यात्रा की तैयारियों की समीक्षा करने के लिए दुनिया के सबसे ऊंचे रेलवे पुल, चेनाब ब्रिज का दौरा किया। कल जम्मू-कश्मीर के लिए एक ऐतिहासिक दिन है, जब आखिरकार घाटी देश के बाकी हिस्सों से रेलवे लिंक के जरिए जुड़ जाएगी, जिसका उद्घाटन माननीय प्रधानमंत्री के हाथों होगा। चेनाब ब्रिज के साथ ही प्रधानमंत्री कटरा और श्रीनगर के बीच वंदे भारत ट्रेनों को हरी झंडी दिखाएंगे। ये ट्रेनें दोनों शहरों के बीच यात्रा के समय को 2-3 घंटे कम कर देंगी, जिससे कुल यात्रा लगभग 3 घंटे की रह जाएगी और अंतर-राज्यीय आवागमन में उल्लेखनीय सुधार होगा।

भारत के पहले केबल-स्टेड रेलवे ब्रिज अंजी ब्रिज का भी उद्घाटन प्रधानमंत्री मोदी करेंगे। इसे देश के सबसे भौगोलिक रूप से चुनौतीपूर्ण इलाकों में से एक में सेवा देने के लिए बनाया गया है, जिससे जम्मू-कश्मीर की रेल कनेक्टिविटी और बेहतर होगी। एक और बड़ी घोषणा उधमपुर-श्रीनगर-बारामुल्ला रेल लिंक (USBRL) परियोजना की शुरुआत है। 272 किलोमीटर तक फैली इस परियोजना में 36 सुरंगें (119 किलोमीटर की दूरी तय करती हैं) और 943 पुल हैं, और इसका उद्देश्य कश्मीर और शेष भारत के बीच सभी मौसम में रेल संपर्क प्रदान करना है।


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