बिहार में महागठबंधन के साथ हुए ‘गेम’ के असली प्लेयर, जानिए कौन हैं संजय कुमार झा?
बिहार में सियासी संकट का समाधान हो गया। पिछले तीन-चार दिनों से देश की मीडिया की सुर्खियों में सिर्फ और सिर्फ बिहार था। एक बार फिर नीतीश कुमार बीजेपी के साथ मिलकर सरकार बनाने में कामयाब रहे। इस बार उन्होंने कहा कि अब कहीं नहीं जाएंगे। जहां थे वहां आ गए। बताया जा रहा है कि इस सियासी उठापटक के असल खिलाड़ी संजय कुमार झा हैं, जो पर्दे के पीछे से व्यूह रचना कर रहे थे।
नीतीश कुमार ने 9वीं बार मुख्यमंत्री पद की शपथ ले ली। विधानसभा में सबसे बड़ी पार्टी का तमगा रखने वाले लालू यादव कुछ नहीं कर पाए। इस बार जेडीयू और बीजेपी के मेल कराने में सबसे अहम रोल MLC संजय कुमार झा का माना जा रहा है। नई सरकार बनने से पहले वो मंत्री थे। आगे हो सकता है कि मंत्रिमंडल का विस्तार हो तो फिर से मंत्री बन जाएं। मगर, बताया जा रहा है कि इस सियासी उठापटक के असली खिलाड़ी संजय कुमार झा हैं।
शायद ही कोई प्रोग्राम होता है जिसमें नीतीश कुमार के साथ संजय कुमार झा न होते हों। फिलहाल वो जेडीयू के राष्ट्रीय महासचिव हैं। कहा जाता है कि संजय कुमार झा ही एकलौते ऐसे नेता है, जो संगठन और सरकार दोनों में अपनी पैठ रखते हैं। 2024 से पहले 2017 में भी जेडीयू का बीजेपी के साथ गठबंधन करने में संजय कुमार झा की अहम रोल था। इस बात की तस्दीक जेडीयू सांसद ललन सिंह ने 2022 में खुद किया था। इस बार भी जब बीजेपी से गठबंधन की चर्चा शुरू हुई तो सबसे पहले संजय कुमार झा को ही सीएम हाउस में बुलाया गया।
वैसे, संजय कुमार झा की पॉलिटिकल ट्रेनिंग बीजेपी में हुई है। बीजेपी में संजय कुमार झा के गॉडफादर अरुण जेटली थे। अरुण जेटली के प्रति संजय कुमार झा और नीतीश कुमार दोनों का श्रद्धा भाव रहता है। 2012 में नीतीश कुमार ने संजय कुमार झा को जेडीयू जॉइन कराया। 2014 में संजय कुमार झा ने जेडीयू से दरभंगा लोकसभा सीट से चुनाव लड़ा। मगर, चुनाव हार गए। तब, जेडीयू अकेले लोकसभा चुनाव लड़ रही थी। बाद में नीतीश कुमार ने राज्यपाल कोटे से विधान परिषद भेजवा कर कैबिनेट में मंत्री बना दिया। नई सरकार बनने से पहले संजय कुमार झा जल संसाधन और जनसंपर्क विभाग के मंत्री थे।
2019 लोकसभा चुनाव के वक्त नीतीश कुमार ने कहा था कि संजय कुमार झा को दरभंगा से चुनाव लड़वाना चाहते थे, लेकिन ऐसा हो नहीं पाया क्योंकि सीट बीजेपी के पास चली गई। संजय कुमार झा को मिथिलांचल में नीतीश की पार्टी JDU का ब्राह्मण चेहरा माना जाता है। माना जा रहा है कि इस बार संजय कुमार झा को नीतीश कुमार दरभंगा से चुनाव लड़वाएंगे। वैसे, इस बार की कैबिनेट में संजय कुमार झा को जगह नहीं मिली।
मधुबनी जिले के झंझारपुर ब्लॉक के अरड़िया के रहने वाले संजय कुमार झा को मिथिलांचल का बड़ा चेहरा जेडीयू की ओर से माना जाता है। दिल्ली के जेएनयू से एमए करने वाले संजय कुमार झा का अपना पब्लिकेशन का बिजनेस है। 1999 का बहुचर्चित किताब इनसाइड सीबीआई, जो पूर्व सीबीआई निदेशक जोगिंदर सिंह ने लिखी है, उसका प्रकाशन संजय कुमार का के चंद्रिका प्रकाशन ने किया था।
इसके अलावा भी कई राजनीतिक और प्रतियोगिता संबंधित पुस्तकों का प्रकाशन यहां से हुआ है, जिसमें से कुछ का संपादन का काम भी संजय कुमार झा ने खुद किया है। एडीआर के हालिया रिपोर्ट के मुताबिक जेडीयू के सबसे अमीर मंत्रियों में 22.37 करोड़ के साथ संजय कुमार झा ही थे।